देवभोग। नगर के फोकट पारा इलाके में बंद पड़े ट्रांसफार्मर को सुधारते समय आउटसोर्स कर्मचारी करंट की चपेट में आ गया, जिससे वह बुरी तरह झुलस गया। हादसे के बाद उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद रायपुर रेफर कर दिया गया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, आउटसोर्स कर्मी अजय यादव खंभे पर चढ़कर ट्रांसफार्मर की मरम्मत कर रहा था। इसी दौरान अचानक लाइन चालू हो गई, जिससे वह करंट की चपेट में आ गया। अजय इससे पहले भी करंट से झुलस चुका है, यह उसकी दूसरी दुर्घटना है। हादसे के बाद बिजली विभाग में हड़कंप मच गया।

देवभोग अस्पताल के बीएमओ प्रकाश साहू ने बताया कि अजय करंट से गंभीर रूप से झुलस गया है। प्रारंभिक उपचार के बाद उसकी स्थिति को देखते हुए उसे रायपुर रेफर कर दिया गया।
जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहा बिजली विभाग
इस हादसे के बाद बिजली विभाग की लापरवाही भी सामने आई है। विभाग के कनिष्ठ अभियंता हेमंत नागवंशी ने कहा कि आउटसोर्स कर्मियों को परमिट लेने-देने का प्रावधान नहीं है। ऐसे में अजय को किसने ट्रांसफार्मर सुधारने की अनुमति दी और हादसे के समय किन परिस्थितियों में कार्य हो रहा था, इसकी जांच की जाएगी।
गौरतलब है कि ट्रांसफार्मर सुधारते समय सुरक्षा उपायों का पालन किया जाना आवश्यक होता है। बिना लाइन कटऑफ किए किसी भी कर्मी को मरम्मत कार्य नहीं करना चाहिए, लेकिन इस मामले में नियमों की अनदेखी की गई, जिसके कारण अजय गंभीर रूप से घायल हो गया।
पहले भी हो चुके हैं ऐसे हादसे
देवभोग क्षेत्र में पहले भी बिजली विभाग की लापरवाही के चलते कई हादसे हो चुके हैं। आउटसोर्स कर्मचारियों से बिना उचित सुरक्षा उपायों के काम करवाने की घटनाएं अक्सर सामने आती हैं। लेकिन विभाग की ओर से न तो इस पर कोई ठोस कदम उठाया गया और न ही सुरक्षा मानकों को लेकर सख्ती बरती गई।
स्थानीय लोगों का कहना है कि विभाग को आउटसोर्स कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर अधिक गंभीर होने की जरूरत है। यदि समय रहते सुरक्षा उपाय किए जाते तो अजय यादव को यह चोट नहीं लगती।

जांच के बाद होगी कार्रवाई?
इस मामले में बिजली विभाग की ओर से जांच की बात कही जा रही है। हालांकि, अब तक ऐसे मामलों में किसी भी अधिकारी या कर्मचारी पर ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। अब देखना होगा कि विभाग इस बार दोषियों पर कोई कार्रवाई करता है या फिर मामला अन्य घटनाओं की तरह ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा।