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गांव-गांव घूमकर सामान बेचने वालों पर उठे सवाल, स्थानीय व्यापारियों को नुकसान

बस्तर के माटी न्यूज़ _अमलीपदर

रिपोर्टर _राजीव लोचन

क्षेत्रीय व्यापारियों को हो रहा नुकसान, चोरी और जीएसटी चोरी के आरोपों पर उठी सख्ती की मांग

क्षेत्र में फेरी वालों के बढ़ते प्रभाव को लेकर स्थानीय व्यापारियों में गहरी चिंता है। चाहे वह बांग्लादेशी घुसपैठिए हों या फिर यूपी-बिहार से आए फेरी वाले, इनके व्यापार करने के तरीके को लेकर सवाल उठ रहे हैं। व्यापारियों का आरोप है कि ये लोग दिन में क्षेत्र का मुआयना करते हैं और रात में चोरी की घटनाओं को अंजाम देते हैं।

हाल ही में उड़ीसा की एक शराब भट्टी में हुई डकैती के मामले में भी फेरी वालों का नाम सामने आया था। इसके अलावा, चंदाहांडी में भी चोरी के मामले में कुछ फेरी वालों को गिरफ्तार किया गया था, जिन पर दिन में घरों की निगरानी और रात में चोरी का आरोप था।

स्थानीय व्यापार पर असर
गांव-गांव घूमकर खिलौने,कम्बल ,चादर,साइकिल, पेठीकोट , ब्लाऊज ,दुपट्टा, डिब्बे, इलेक्ट्रॉनिक आइटम बेचने वाले फेरी वालों के सामान की गुणवत्ता भी संदेह के घेरे में है। बताया जा रहा है कि ये लोग सस्ते और निम्न गुणवत्ता वाले सामान बेचते हैं, पैसा ना होने के स्थिति मैं बड़ी बड़ी समान को ,एक-एक साल की भी उधारी में सामान को छोड़ देते हैं , जिससे लोग धोखा खा जाते हैं और बाद में पछताते हैं। इसके अलावा, फेरी वाले सामान बेचते समय जीएसटी का पालन नहीं करते, जिससे सरकार को भी राजस्व का नुकसान उठाना पड़ता है। कभी लॉटरी का झांसा तो कभी एक साथ समान उठाने पर गिफ्ट का झसा देकर अपने सामान बेचने का लक्ष्य को प्राप्त करते है, जिससे बाद में क्षेत्र के जनता को ठगा हुआ महसूस होता है ।

क्षेत्र के व्यापारियों को सताने लगा व्यापार और आर्थिक चिंता
स्थानीय व्यापारियों का कहना है कि जब वे दुकानों का किराया, टैक्स और अन्य खर्चों के साथ व्यापार कर रहे हैं, तो फेरी वालों का बिना किसी नियंत्रण के घर-घर सामान बेचना उनके व्यवसाय के लिए नुकसानदायक साबित हो रहा है। ऑनलाइन व्यापार के बढ़ते प्रभाव से पहले ही स्थानीय व्यापारी परेशान हैं, ऐसे में फेरी वालों की गतिविधियां उनके लिए और अधिक आर्थिक संकट पैदा कर रही हैं।

सरकार और प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग
व्यापारियों और क्षेत्रीय नागरिकों ने प्रशासन से मांग की है कि:

फेरी वालों की पहचान की जाए और उनके आधार कार्ड की जांच कर सत्यापन किया जाए।
उनके सामान की गुणवत्ता और जीएसटी बिलों की जांच की जाए ताकि अवैध व्यापार को रोका जा सके।
संदिग्ध फेरी वालों पर कड़ी निगरानी रखी जाए ताकि चोरी और अन्य आपराधिक गतिविधियों को रोका जा सके।
अगर सरकार और प्रशासन इस मुद्दे पर उचित कदम नहीं उठाते, तो इससे न केवल स्थानीय व्यापार प्रभावित होगा, बल्कि नागरिकों की सुरक्षा पर भी खतरा बढ़ सकता है। इसलिए यह जरूरी हो गया है कि इस विषय पर गंभीरता से विचार कर सख्त कार्रवाई की जाए।

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