सत्यानंद यादव
कोंडागांव बस्तर के माटी समाचार –सोमवार 8 जुलाई को कम्युनिश्ट पार्टी ऑफ इंडिया जिला कोण्डागांव के सह सचिव का.षैलेष एवं अखिल भारतीय नवजवान सभा जिला कोण्डागांव के जिला सचिव का.जयप्रकाष, का.सोमारुराम, का.लक्ष्मीनाथ, का.मुकेष, कामेष्वर, रामचरण, सुकनाथ, रिंकु आदि के द्वारा 8 जुलाई को एनएमडीसी के रिक्त पदों पर स्थानीय शिक्षित बेरोजगारों को भर्ती देने हेतु निदेशक उत्पादन एवं कार्मिक, एनएमडीसी लिमिटेड, मुख्यालय, हैदराबाद, को सम्बोधित एक ज्ञापन कलेक्टर जिला कोण्डागांव (छ.ग.) को सौंपा गया है।
एनएमडीसी के रिक्त पदों पर स्थानीय शिक्षित बेरोजगारों की भर्ती करने विशयक सौंपे गए ज्ञापन में लेख किया गया है कि कोण्डागांव जिला क्षेत्र आदिवासी बाहुल्य बस्तर सम्भाग के अंतर्गत आता है और इस क्षेत्र में भी आदिवासीजन बहुलता से एवं अन्य स्थानीय जन भी निवासरत हैं। इस क्षेत्र में तकनिकी व गैर तकनिकी शिक्षित बेरोजगार युवक व युवतियां काफी संख्या में हैं, लेकिन अक्सर देखा गया है कि एनएमडीसी में जो भी भर्तियां होती है, उनमें आदिवासी सहित अन्य स्थानीयजनों को मौका नहीं मिल पाता है, बल्कि अन्य राज्यों के युवक-युवतियों की भर्ती हो जाती है, जिससे स्थानीय शिक्षित बेरोजगारों का हक छिन जाता है। यहां की शिक्षा व्यवस्था इतनी मजबूत नहीं है कि स्थानीय युवक व युवतियां अन्य राज्यों के होने वाले प्रतियोगी परिक्षाओं में भाग लेकर सफलता प्राप्त कर सकें। वैसे भी यह क्षेत्र पांचवी अनुसूची में आता है, इसलिए तृतीय व चतुर्थ श्रेणी की भर्ती में स्थानीय बेरोजगारों का ही सर्वप्रथम हक बनता है। इस संबंध में पहले भी पत्राचार के माध्यम से जिला कलेक्टर एवं एनएमडीसी प्रबंधन को अवगत कराया जा चुका है, लेकिन आज तक स्थानीय बेरोजगारों के हक के बारे में कोई सकारात्मक निर्णय नहीं लिया जा सका है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार एनएमडीसी के दोनों परियोजनाओं किरंदुल व बचेली में लगभग चार सौ पद रिक्त हैं और उन्हें भरे जाने के संबंध में कुछ ही समय में विज्ञापन जारी होने वाला है। इसलिए हमारी मांग है कि इन सभी रिक्त पदों की भर्तियों में स्थानीय लोगों को प्राथमिकता दी जाए। साथ ही इस संबंध में क्षेत्र के प्रमुख श्रम संघों के द्वारा पत्र दिया गया है कि एनएमडीसी में होने वाली भर्ती में स्थानीय शिक्षित बेरोजगारों को प्राथमिकता दी जाए। इसलिए हमारी मांग है कि जब तक स्थानीय बेरोजगारों को नौकरी दिए जाने के संबंध में सही निर्णय नहीं होता है, तब तक भर्ती के संबंध में कोई विज्ञापन या अधिसूचना जारी न किया जाए। अन्यथा क्षेत्र के शिक्षित बेरोजगार की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी होती जाएगी और उनके जीवनयापन का कोई सहारा नहीं होगा एवं मजबूरन सड़क पर उतरकर आंदोलन करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा। इसलिए उपरोक्त तथ्यों को दृष्टिगत रखते हुए एनएमडीसी में होने वाली भर्तियों में स्थानीय शिक्षित बेरोजगारों को रोजगार देने में प्राथमिकता देने के लिए शीघ्र से शीघ्र ठोस निर्णय लिया जाए।