गरियाबंद/अमलीपदर बस्तर के माटी समाचार
राजीव लोचन
मैनपुर ब्लॉक में झोलाछाप डॉक्टरों का जाल फैला हुआ है, जिनमें बंगाली मूल के डॉक्टरों का विशेष दबदबा देखा जा रहा है। ये बिना किसी मान्यता प्राप्त मेडिकल डिग्री के भोले-भाले ग्रामीणों का इलाज कर रहे हैं और उनके स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रहे हैं।

अयोग्य डॉक्टर कर रहे हैं इलाज
जांच में पाया गया कि ये कथित डॉक्टर बिना किसी वैध मेडिकल प्रमाणपत्र के क्षेत्र में सक्रिय हैं। जब उनसे उनकी योग्यता के बारे में सवाल किया गया, तो उन्होंने खुद को कम पढ़ा-लिखा बताने के साथ-साथ सोशल मीडिया पर फॉलोअर्स की संख्या गिनाने और आई.जी , जिले के एसपी का धौंस दिखाने लगे और अपने यूट्यूब चैनल में लाइव आकर क्षेत्र का खराब रास्ता का जिक्र करने लगा और कोई अगर अच्छा काम करता है तो इस तरह का पत्रकार काम में बाधा डालने आ जाते हैं , ऐसा कह कर उसकी फॉलोअर्स को अपने-अपने राय युटुब पर बताने को कहने लगा। क्या सिर्फ यूट्यूब पर ज्यादा फॉलोअर्स होना किसी को डॉक्टर बना सकता है? यह सवाल चिंताजनक है।

गंभीर दवाइयों का बिना अनुमति उपयोग
जब इन कथित डॉक्टरों के बैग की जांच की गई, तो उसमें उच्च स्तरीय एंटीबायोटिक इंजेक्शन, दर्द निवारक टैबलेट, बीपी मशीन, स्टेथोस्कोप, और कई प्रतिबंधित दवाइयाँ पाई गईं, जो केवल योग्य डॉक्टर ही मरीजों को दे सकते हैं। बिना किसी पर्ची के इस तरह की दवाइयों का वितरण लोगों के लिए घातक साबित हो सकता है।

मैनपुर में 30-40 झोलाछाप डॉक्टर सक्रिय
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, मैनपुर ब्लॉक में करीब 30 से 40 झोलाछाप बंगाली डॉक्टर सक्रिय हैं। ये अवैध रूप से क्लीनिक चला रहे हैं और ग्रामीणों को गुमराह कर उनका इलाज कर रहे हैं। इससे न केवल मरीजों की जान खतरे में पड़ रही है, बल्कि स्वास्थ्य प्रणाली को भी गहरी चोट पहुंच रही है।
स्वास्थ्य विभाग की भूमिका संदिग्ध
यह सवाल उठता है कि क्या स्वास्थ्य विभाग और पुलिस इस पूरे मामले से अनजान हैं, या फिर जानबूझकर इस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा? क्या बिना किसी कानूनी कार्रवाई के ये झोलाछाप डॉक्टर मरीज के घर-घर जाकर यूँ ही मरीजों की जान से खिलवाड़ करते रहेंगे?

स्वास्थ्य विभाग का जवाब
इस विषय पर जब बीएमओ गजेंद्र सिंह ध्रुव से चर्चा की गई, तो उन्होंने बताया कि कुछ समय पहले झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ अभियान चलाया गया था और कई क्लीनिकों को बंद कराया गया था। उन्होंने आश्वासन दिया कि जल्द ही फिर से इन अवैध डॉक्टरों के खिलाफ जांच कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

आवश्यक कार्रवाई की माँग
स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन को चाहिए कि इन झोलाछाप डॉक्टरों की पहचान कर उनकी शैक्षणिक योग्यता की गहन जांच करे। नर्सिंगहोम एक्ट के तहत इनकी वैधानिकता की समीक्षा होनी चाहिए। अगर ये गैर-कानूनी तरीके से चिकित्सा सेवा दे रहे हैं, तो इनके खिलाफ सख्त कानूनी कदम उठाए जाने चाहिए।
निष्कर्ष
ग्रामीण जनता की सुरक्षा के लिए यह आवश्यक है कि अवैध रूप से प्रैक्टिस कर रहे झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ जल्द से जल्द कठोर कदम उठाए जाएँ। स्वास्थ्य विभाग, पुलिस और प्रशासन को इस ओर विशेष ध्यान देने की जरूरत है, ताकि कोई भी मरीज इन फर्जी डॉक्टरों का शिकार न बने।
यह रिपोर्ट मैनपुर ब्लॉक में झोलाछाप डॉक्टरों की बढ़ती समस्या को उजागर करती है।