
खबर का असर
कसेर शील ग्राम में नलकूप खनन के बाद हैंडपंप की स्थापना आज, ग्रामीणों ने की नल गाड़ी की पूजा-अर्चना । किसी खास मेहमान से कम नहीं दी तबज्जू ।
कसेर शील, कुही माल, गरियाबंद: वर्षों से स्वच्छ पेयजल के अभाव में दूषित पानी पीने को मजबूर कसेर शील ग्रामवासियों को आखिरकार राहत मिली। वायरल हुए एक वीडियो ने पूरे प्रशासन को झकझोर दिया, जिसमें एक गर्भवती महिला को दो किलोमीटर दूर पहाड़ चढ़कर मटका भरकर लाते हुए देखा गया था। इस मार्मिक दृश्य ने जनभावनाओं को झकझोर दिया, जिसके बाद प्रशासन तुरंत हरकत में आया और जल संसाधन विभाग की ओर से गांव में नलकूप खनन का कार्य शुरू किया गया।

प्रशासन ने तुरंत की कार्रवाई, विशेष बैठक बुलाकर लिया गया निर्णय
जिला कलेक्टर ने मामले को गंभीरता से लेते हुए आपातकालीन बैठक बुलाई और अधिकारियों को निर्देश दिया कि ग्राम में जल्द से जल्द नलकूप की व्यवस्था की जाए। निर्देश मिलते ही जल संसाधन विभाग के जिला प्रमुख बिप्लब ग्रीत लहरे के नेतृत्व में एक टीम ग्राम पहुंची और बोरिंग का कार्य आरंभ किया।
गांव को मिला शुद्ध पेयजल, ग्रामीणों में खुशी की लहर

नलकूप खनन कार्य सफलतापूर्वक पूरा हुआ, जिसमें ढाई इंच पानी की उपलब्धता पाई गई। अधिकारियों ने बताया कि यह पानी ग्रामवासियों की जरूरतों को पूरा करने में सक्षम होगा। देर शाम तक हैंडपंप भी स्थापित कर दिया जाएगा, जिससे ग्रामीणों को अब गंदे पानी का सेवन नहीं करना पड़ेगा।
ग्रामीणों ने हैंडपंप की पूजा-अर्चना कर धन्यवाद ज्ञापित किया और खुशी जाहिर की। वर्षों से पानी की समस्या झेल रहे लोगों के चेहरे पर राहत के भाव स्पष्ट नजर आए।
गर्भवती महिला का वायरल वीडियो बना बदलाव की वजह
गांव के लोग वर्षों से दूषित पानी पीने के लिए मजबूर थे। कई बार पानी की किल्लत के कारण लोग दो-दो दिन तक बिना नहाए रहते थे। यहां तक कि पीने के लिए भी वही पानी इस्तेमाल करना पड़ता था, जिसमें मच्छरों के लार्वा तक पनपते थे।
डॉक्टरों के अनुसार, गर्भवती महिलाओं को ज्यादा शारीरिक श्रम करने और सीढ़ियां चढ़ने से बचना चाहिए। लेकिन कसेर शील ग्राम की गर्भवती महिला को पानी के लिए पहाड़ी चढ़नी पड़ती थी। इस हृदयविदारक वीडियो के वायरल होते ही प्रशासन और आम लोग भी विचलित हो गए थे।
ग्रामवासियों ने जताया आभार, सड़क, बिजली और आंगनवाड़ी भवन की भी उठाई मांग

गांव में नलकूप स्थापित होने के बाद ग्रामीणों ने जल संसाधन विभाग, प्रशासनिक अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों का आभार व्यक्त किया। खासकर बच्चों में विशेष खुशी देखने को मिली, जो अब तक यह मानते थे कि हर पानी की कीमत ₹20 प्रति लीटर होती है। इस मानसिकता से उन्हें अब आजादी मिलेगी।
इस कार्य में ग्राम पंचायत कुही माल के सचिव, सरपंच और प्रशासनिक अधिकारियों की अहम भूमिका रही। क्षेत्र क्रमांक 8 की विजेता उम्मीदवार लोकेश्वरी नेताम जी की पहल भी सराहनीय रही। उन्होंने स्वयं बोरिंग स्थल पर रातभर रुककर कार्य की निगरानी की और सुनिश्चित किया कि ग्रामीणों को जल्द से जल्द पानी मिले।

अब ग्रामवासियों को उम्मीद है कि जिस तरह प्रशासन ने पेयजल संकट का समाधान किया, उसी तरह गांव में सड़क, बिजली और एक आंगनवाड़ी भवन की भी उचित व्यवस्था की जाएगी, ताकि बच्चे शिक्षा का महत्व को समझें और बाल श्रम से बच सके और आने वाले दिनों में देश को तरक्की की और ले चले और भारत को विश्व गुरु बनाएं ।