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30 करोड़ से ज्यादा कमाए एक नाविक परिवार ने, सोशल मीडिया पर चर्चा जोरों पर

प्रयागराज महाकुंभ_आस्था और आर्थिकी का महा संगम

65 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी

प्रयागराज। महाकुंभ 2025 केवल एक धार्मिक और आध्यात्मिक आयोजन भर नहीं रहा, बल्कि इसने हजारों लोगों की आर्थिक स्थिति को भी संवारने का काम किया। इस भव्य आयोजन ने जहां करोड़ों श्रद्धालुओं को आस्था और अध्यात्म के महासागर में गोता लगाने का अवसर दिया, वहीं स्थानीय व्यवसायियों और श्रमिकों के लिए कमाई का स्वर्णिम अवसर भी साबित हुआ।

एक नाविक परिवार की 30 करोड़ की कमाई बनी चर्चा का विषय

इस महाकुंभ में प्रयागराज के पारंपरिक नाविकों ने अप्रत्याशित मुनाफा कमाया। एक नाविक परिवार, जिसके पास कुल 130 नावें थीं, उसने श्रद्धालुओं को घाटों के दर्शन कराने से महज एक दिन में 23 लाख रुपये तक का लाभ कमाया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में इसका जिक्र करते हुए इसे “आत्मनिर्भर भारत” की दिशा में प्रेरणादायक उदाहरण बताया। आयोजन के 45 दिनों में इस परिवार की कुल कमाई 30 करोड़ रुपये से अधिक हो गई, जो अब सोशल मीडिया से लेकर पूरे देश में चर्चा का विषय बन चुकी है।

छोटे व्यापारियों को भी मिली आर्थिक संजीवनी

सिर्फ नाविक ही नहीं, बल्कि इस मेले ने अस्थायी व्यापारियों और छोटे दुकानदारों को भी समृद्ध किया। कोई प्रसाद बेचकर मुनाफा कमा रहा था, तो कोई पूजा सामग्री और नीम की दातून बेचकर अपनी आजीविका को बढ़ा रहा था। एक नवविवाहित दंपति, जिसने दातून बेचने का काम किया, उसने एक ही दिन में 10,000 रुपये तक की कमाई कर ली। इसी तरह, फेरीवाले, फूल विक्रेता, फोटोग्राफर और अस्थायी दुकानों वालों के लिए भी महाकुंभ आर्थिक रूप से वरदान साबित हुआ।

हजारों लोगों को मिला रोजगार

महाकुंभ 2025 ने स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अनेकों अवसर पैदा किए। सफाई कर्मचारी, सुरक्षाकर्मी, ट्रांसपोर्ट, खानपान और टेंट सिटी जैसी व्यवस्थाओं में हजारों लोगों को अस्थायी रोजगार मिला। होटल और गेस्ट हाउस की बुकिंग महीनों पहले फुल हो गई, जिससे पर्यटन उद्योग को भी जबरदस्त बढ़ावा मिला।

सरकार का प्रबंधन व्यापारियों के लिए बना सहारा

प्रदेश सरकार और प्रशासन ने इस ऐतिहासिक आयोजन को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए शानदार प्रबंधन किया। यातायात व्यवस्था, सुरक्षा, सफाई और स्वास्थ्य सुविधाओं को प्राथमिकता दी गई, जिससे श्रद्धालुओं और व्यापारियों को किसी प्रकार की परेशानी न हो। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में हुए इस आयोजन को अब तक का सबसे व्यवस्थित और आर्थिक रूप से प्रभावशाली महाकुंभ माना जा रहा है।

महाकुंभ 2025: आस्था और आर्थिकी का महामिलन

प्रयागराज महाकुंभ 2025 ने यह साबित कर दिया कि धार्मिक आयोजन केवल आध्यात्मिकता तक सीमित नहीं रहते, बल्कि वे आर्थिक समृद्धि के भी बड़े स्रोत बन सकते हैं। जहां करोड़ों श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई, वहीं हजारों लोगों को इससे आर्थिक संबल मिला। यह आयोजन न केवल श्रद्धालुओं के लिए यादगार बना, बल्कि प्रयागराज की अर्थव्यवस्था को भी नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने वाला सिद्ध हुआ।

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