इंदागांव (धुरूवागुड़ी बफर): संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती के अवसर पर वन परिक्षेत्र इंदागांव, धुरूवागुड़ी बफर में विशेष आयोजन किया गया। इस अवसर पर बाबा साहब को श्रद्धापूर्वक याद करते हुए वन एवं वन्यजीव संरक्षण को लेकर संविधान के अनुच्छेद 48A के निर्देशों का पालन करने का संकल्प लिया गया।
हाल ही में बस्तर के माटी में प्रकाशित एक रिपोर्ट में सरनामाल ग्राम की स्थिति को उजागर किया गया था, जहां ग्रामीणों ने श्रद्धा के साथ डॉ. अंबेडकर की मूर्ति स्थापित की थी। लेकिन वन विभाग द्वारा उस ग्राम को अवैध घोषित कर वहां से लोगों को हटाया गया था, जिसके बाद से अंबेडकर की मूर्ति उपेक्षित अवस्था में पड़ी हुई थी। मूर्ति का रंग फीका पड़ गया था और उचित देखभाल नहीं हो रही थी।


खबर के प्रकाशन के बाद वन विभाग ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मूर्ति का रंग-रोगन कर उसे नया स्वरूप प्रदान किया। आज अंबेडकर जयंती के शुभ अवसर पर वन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा मूर्ति की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना और माल्यार्पण किया गया।
इस आयोजन का नेतृत्व इंदागांव के रेंजर सुशील कुमार सागर ने किया। विभाग की ओर से यह पहल सामाजिक समरसता और संविधान मूल्यों के प्रति सम्मान का प्रतीक मानी जा रही है। वन विभाग ने स्पष्ट किया कि भविष्य में भी बाबा साहब के विचारों को आदर्श मानते हुए पर्यावरण और सामाजिक न्याय के क्षेत्र में निरंतर कार्य किए जाएंगे।