बस्तर के माटी न्यूज़ (BKM) गरियाबंद

– अमलीपदर हाई स्कूल प्रांगण में मंगलवार को आयोजित समस्या समाधान शिविर ने जनसरोकार की दिशा में एक नई मिसाल पेश की। जिला प्रशासन की इस पहल में क्षेत्र की जनता ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और विभिन्न समस्याओं को संबंधित अधिकारियों के समक्ष रखा।

शिविर में गरियाबंद कलेक्टर श्री भगवान दास उईके मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उनके साथ जिला पंचायत सीईओ श्री घासीदास मरकाम, एसडीएम डॉ. तुलसीदास मरकाम, जनपद सीईओ श्वेता वर्मा सहित अन्य विभागीय अधिकारी भी शामिल रहे।

शिविर में 16 पंचायतों से आई जनता ने कुल 576 आवेदन और 25 शिकायतें दर्ज कराईं। इनमें से कई समस्याओं का समाधान मौके पर ही कर दिया गया। बिजली और राजस्व विभाग से जुड़ी शिकायतों की संख्या सर्वाधिक रही, जिनके निराकरण के लिए कलेक्टर ने त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए।

श्री उईके ने उपस्थित जनसमूह को जल और वृक्ष संरक्षण की शपथ दिलाई और भरोसा दिलाया कि प्रशासन जनता की समस्याओं को गंभीरता से ले रहा है। कार्यक्रम में मौजूद भीड़, प्रशासन पर जनता के विश्वास और उनकी उम्मीदों को दर्शा रही थी।

शिविर में पूर्व संसदीय सचिव श्री गोवर्धन मांझी, जिला पंचायत सदस्य श्री संजय नेताम, नेहा सिंगल, जनपद अध्यक्ष मोहना नेताम तथा जनपद उपाध्यक्ष सहित अन्य जनप्रतिनिधि भी उपस्थित रहे। अमलीपदर के सरपंच हेमो बाई नागेश एवं जनपद सभापति निर्भय ठाकुर ने क्षेत्र की समस्याओं को विस्तार से प्रस्तुत किया, सुखातेल नदी पर अधूरे पुल के मुद्दे को प्रमुखता से उठाते हुए निर्भय ठाकुर ने शीघ्र कार्रवाई की मांग की गई, जिस पर कलेक्टर ने साप्ताहिक प्रगति रिपोर्ट की आश्वासन दी ।

स्वास्थ्य सुविधाओं के तहत आगामी आठ दिनों में शासकीय अस्पताल में जनरेटर उपलब्ध कराने का आश्वासन भी दिया गया। वहीं, मछली पालन विभाग द्वारा मछली पकड़ने की जालियां, जनपद पंचायत की ओर से ट्राइसाइकिल, श्रवण यंत्र और राशन कार्ड जैसे हितग्राही सामग्री का वितरण किया गया।

जिला पंचायत सदस्य व पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष संजय नेताम ने कलेक्टर को ज्ञापन सोपते हुए यह कहा कि जल्द से जल्द अगर सुखा तेल नदी मैं पुल निर्माण का कार्य शुरू नहीं किया गया तो आने वाले दिनों में भूख हड़ताल पर बैठने की योजना बना रहे हैं ।


अंत में कलेक्टर श्री भगवान दास उईके ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, “आपकी हर समस्या हमारी प्राथमिकता है, और समाधान में कोई लापरवाही नहीं की जाएगी।” उनके इस वक्तव्य को जनता ने तालियों की गड़गड़ाहट के साथ सराहा।
