कलमा पढ़ने का नाटक कर आतंकियों को दिया धोखा, परिवार सहित सकुशल लौटा घर

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पहलगाम, जम्मू-कश्मीर – जहां एक ओर पाकिस्तान से आए आतंकवादियों ने पहलगाम में 27 हिंदू नागरिकों का बेरहमी से नरसंहार कर पूरे देश को दहला दिया, वहीं इसी हमले में एक युवक की अद्भुत सूझबूझ ने उसे और उसके परिवार को मौत के मुंह से बाहर निकाल लिया।

उड़ीसा से आया यह युवक अपने परिवार के साथ पहलगाम घूमने गया था। आतंकियों ने हमला कर जबरन लोगों से उनका धर्म पूछना शुरू कर दिया। जो भी व्यक्ति कलमा नहीं पढ़ पा रहा था, उसे बेरहमी से गोली मार दी जा रही थी। इसी भयावह माहौल में युवक ने तुरंत अपनी समझदारी दिखाई। वह पास के एक पेड़ के पीछे जाकर धीरे-धीरे कलमा पढ़ने का नाटक करने लगा।
जब एक आतंकी उसके पास आया और उससे सवाल किया, तो युवक ने बिना घबराए, जैसे कलमा जानता हो, वैसे ही हकलाते हुए शब्द दोहराए। आतंकियों ने उसकी दाढ़ी को देखकर उसे गैर हिन्दू समझा और आगे बढ़ गए। इस तरह उसकी जान बच गई।

युवक ने घर लौटने के बाद मीडिया के सामने अपना दर्द बयां करते हुए कहा, “आंखों के सामने लोगों को मरते देखना किसी डरावने सपने से कम नहीं था। एक कहावत सच साबित हुई – ‘मरने वाले ,तिनके का भी सहारा लेता है।’ आज दाढ़ी और सूझबूझ ने मेरी और मेरे परिवार की जान बचाई है।”

देशभर में इस घटना को जानकर लोग हैरान हैं और युवक के साहस की सराहना कर रहे हैं। वहीं पहलगाम नरसंहार को लेकर पूरे देश में आतंक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग उठ रही है।