बच्चो की फीस न पैड होने की दशा में पेरेंट्स तक मैसेज पहुंचने का तरीका बच्चो को ठंड में क्लास के बाहर बैठा दिया।
*ठंड में छोटे,बड़े बच्चो को क्लास से बाहर कर शिक्षा से वंचित करना कितना सही हैं और कितना गलत?*
(गोविन्द शर्मा की रिपोर्ट)
बिलासपुर बस्तर के माटी समाचार :- लगातार बच्चो को ठंड में क्लास के बाहर बैठाया जा रहा है और प्रशासन के कान में जूं तक नही रेंग रही है बिलासपुर बोदरी स्थित एल सी आई टी पब्लिक स्कूल प्रबंधक के द्वारा छोटे से लेकर बड़े बच्चो तक को इस ठंड में क्लास के बाहर बैठाया जा रहा है जानते हैं ये सजा बच्चो को क्यों दी जा रही हैं क्योंकि उनकी फीस नही दी गई लेकिन प्रबंधक को पेरेंट्स को बोलने की जगह बच्चो को सजा देकर उनके पेरेंट्स तक ये बात पहुंचाने का तरीका इजाद किया हुआ है बच्चो को लगातार क्लास के बाहर इस ठंड में बैठाया जा रहा है जिसमे छोटे बच्चो से लेकर बड़े क्लास के बच्चे शामिल है लगातार खबरों के माध्यम से प्रशासन,शासन का इस ध्यान आकृष्ट कराने हेतु खबर चलाई जा रही है की प्रशासन और शासन इस प्रकार बच्चो को फीस न मिलने की वजह से बच्चो को शिक्षा से वंचित करना और सजा देना कितना गलत है लेकिन प्रशासन और शासन दोनो के कान में जूं तक नहीं रेंग रही हैं और बच्चे शिक्षा से वंचित हो रहे हैं।
*बच्चो की फीस न मिलने का पेरेंट्स तक मैसेज भेजने को और भी तरीके हो सकते हैं
बच्चो की फीस यदि स्कूल प्रबंधक को जिन बच्चों की नही मिल पा रही है उसके लिए सीधे तौर पर पेरेंट्स को कॉल के माध्यम,नोटिस के माध्यम से या और भी तरीके से मैसेज भिजवाया जा सकता है लेकिन बच्चो को ठंड में क्लास से बाहर कर एवम शिक्षा से वंचित करने का तरीका गलत है और इस पर प्रशासन को कार्यवाही भी करनी चाहिए और स्कूल प्रबंधक को ये तरीका इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
शिक्षा अधिकारी से मोबाइल में संपर्क करने की कोशिश की गई जिससे जानकारी ली जा सके की क्या ऐसा कोई नियम है की जिन बच्चों की फीस नही मिली हो उनको शिक्षा से वंचित किया जा सकता है या उन्हे सजा के तौर पर क्लास से बाहर बैठाया जा सकता है लेकिन शिक्षा अधिकारी हमेशा की तरफ अपना मोबाइल उठाने की जहमत नहीं उठा पा रहे है जिससे जानकारी ली जा सके।