गोविन्द शर्मा की रिपोर्ट
बिलासपुर बस्तर के माटी समाचार :- गर्मी आई की नही पूरे प्रदेश में सर प्लस बिजली वाला प्रदेश अचानक बिजली गोल की समस्या से काफी जूझने लगता हैं।
पूरे प्रदेश में इस समय गर्मी बढ़ गई हैं जिसके साथ बिजली गुल की समस्या भी चरम पर हैं दिन में कम से कम 5 से 10 बार बिलासपुर के शहरी क्षेत्रों में बिजली गुल हो रही हैं ग्रामीण क्षेत्र का कोई माई बाप नही है। शहर में बिजली की समस्या से आमजनता जूझ रही है बच्चे,बुजुर्गो का हाल बेहाल हैं इतनी बार बिजली गोल हो रही है जो सीधे सीधे कटौती दिखाई दे रही हैं आखिर ये कटौती क्यों हमारे ही प्रदेश में बिजली उत्पन्न हो रही हमसे ही दूसरे प्रदेशों को बिजली दी जा रही है छत्तीसगढ़ बिजली के मामले में सर प्लस वाला प्रदेश हैं उसके बावजूद कटौती शासन प्रशासन क्यों नही दिखाई दे रही हैं या जानबूझ कर ऐसा किया जा रहा है ।
*भाजपा के शासन में हमेशा सर प्लस बिजली वाला प्रदेश जूझते रहा है?*
भाजपा जब जब सत्ता में आई हैं तब तब सर प्लस बिजली वाला प्रदेश प्रदेश में बिजली समस्या से जूझता ही रहा है रमन सिंह के मुख्यमंत्री रहते भी यही समस्या बनी हुई थी शहरी क्षेत्रों में उस समय भी बिजली बहुत कटौती होती रही है ग्रामीण क्षेत्रों की बात ही मत पूछो अब फिर से भाजपा की सरकार आ गई मुख्यमंत्री विष्णु देव साय है और ये विभाग भी शायद वो अपने पास रखे हुए हैं उसके बावजूद पूरा प्रदेश बिजली समस्या से जूझ रहा है खास कर बिलासपुर में तो ये समस्या बहुत विकराल रूप लिए हुए हैं दिन में 5 से 10 बार बिजली गुल होना आम बात सी हो गई हैं ।
*मेंटनेस के नाम पर बिजली बंद का बहाना : -*
बिजली बंद की समस्या से अधिकारी के पास एक ही बात होती है की मेंटनेस चल रहा है ऐसा कौन सा मेंटेन्स चलता है की दिन दस बार बिजली बंद करना पड़ता हैं अभी तक तो सुना था बरसात के पहले बिजली मेट्नेस किया जाता रहा है लेकिन अब 12 माह मेंटनेस चलता रहता है और समस्या जस की तस बनी रहती है लेकिन सरकारी बहाना हैं आप चाह के भी कुछ नहीं कर सकते ।
जनप्रतिनिधि के कान में जूं तक नहीं रेंगती:-
शहर में प्रतिदिन बिजली कई मर्तबा गोल हो रही है जिसके चलते इस भारी गर्मी में आम जनता हलाकान हो रही हैं लेकिन शहर के जनप्रतिंधियो को जैसे इससे कोई मतलब ही नहीं क्योंकि उनके पास बड़े बड़े जनरेटर लगे हुए उनको इससे फर्क नहीं पड़ता की आमजनता को इस भारी गर्मी में क्या हाल होता होगा लेकिन जैसे ही चुनाव आता है तो इनके सुर बदल जाते हैं आपकी समस्या उन्हे अपनी समस्या लगने लगती हैं लेकिन चुनाव खत्म आपकी समस्या आपकी नेताओ को इनसे कोई लेना देना नही ।