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सस्पेंशन के बाद मुश्किलें कम नहीं होगी IAS केएल चौहान व IPS सदानंद कुमार की, राज्य सरकार अनुशासनात्मक कार्रवाई पर कर रही विचार


अजीत यादव

रायपुर बस्तर के माटी समाचार IAS केएल चौहान और IPS सदानंद कुमार की सस्पेंशन के बाद भी  मुश्किलें आने वाले दिनों में और बढ़ सकती है। राज्य सरकार उन दोनों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई पर भी विचार कर रही है। जाहिर है कि सस्पेंशन से आगे भी राज्य सरकार इन अफसरों पर कार्रवाई कर सकती है। राज्य सरकार इन दोनों अफसर से इसलिए खफा है क्योंकि समय रहते इन्होंने एक्शन नहीं लिया।


ये बात भी बिल्कुल सही भी है कि पूरे मामले में पुलिस प्रशासन का रवैया बिल्कुल ही ढीला था। ना प्रशासनिक तौर पर सतर्कता थी और ना ही पुलिस के तौर पर व्यवस्था थी। दोनों अफसर के बहुत ही केजुअल अप्रोच की वजह से ही हजारों की भीड़ ने घंटों तक कलेक्टरेट में जो चाहा वो किया। करोड़ों का नुकसान हुआ सो हुआ ही, सरकार की पूरे देश में किरकिरी भी करा दी।


लिहाजा सरकार ने पहले कलेक्टर-एसपी को हटाया गया और अब दोनों को सस्पेंड कर दिया गया है। राज्य सरकार अब इन दोनों के खिलाफ और भी कार्रवाई करने जा रही है। हालांकि वो कार्रवाई किस तरह की होगी, उसे लेकर अभी साफ नहीं है, लेकिन इतना तो तय है कि अभी इन दोनों अफसरों की मुश्किलें कम नहीं होने वाली है।

क्या लिखा है राज्य सरकार ने अपने आदेश में
कलेक्टर केएल चौहान के सस्पेंशन आर्डर में लिखा गया है कि कुमार लाल चौहान भाप्रसे 2009 तत्कालीन कलेक्टर जिला बलौदाबाजार-भाटापारा के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई विचाराधानी है। अतएव राज्य सरकार कुमार लाल चौहान को अखिल भारतीय सेवाएं नियम 1969 के नियम 3 के अधीन प्रदत्त अधिकारों का उपयोग करते हुए निलंबित करता है।

वहीं एसपी सदानंद कुमार के सस्पेंशन आदेश में लिखा गया है कि सदानंद कुमार भापुसे 2010 तत्कालीन पुलिस अधीक्षक बलौदाबाजार भाटापारा वर्तमान पदस्थापना उप पुलिस महानिरीक्षक पुलिस मुख्यालय रायपुर के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई विचाराधीन है। अत: अखिल भारतीय सेवा नियम 1969 के नियम 3 के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए तत्काल प्रभाव से निलंबित करता है। सदानंद कुमार को निलंबन अवधि में बिना सक्षण प्राधिकारी के मुख्यालय नहीं छोड़ने का भी निर्देश है।

जांच आयोग का किया गया गठन
राज्य शासन ने गिरौधपुरी धाम के ग्राम महकोनी स्थित अमर गुफा में जैतखांभ की क्षति ग्रस्त होने की घटना को गंभीरता से लेते हुए छत्तीसगढ उच्च न्यायालय के सेवा निवृत्त न्यायाधीश को जांच अधिकारी नियुक्त किया है l राज्य शासन ने 6 बिन्दुओं पर जाँच के लिए एकल सदस्यीय न्यायिक जाँच का आदेश जारी किया है l छत्तीसगढ उच्च न्यायालय के सेवा निवृत्त न्यायाधीश सी बी बाजपेयी की एकल सदस्यीय टीम इस घटना की जाँच कर 3 माह के भीतर अपनी रिपोर्ट राज्य शासन को देंगे l

ज्ञातव्य है कि विगत 15 और 16 मई 2024 की रात्रि में बलौदाबाजार जिले के गिरौधपुरी धाम के ग्राम महकोनी स्थित अमर गुफा में जैतखांभ की क्षति ग्रस्त होने पर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के निर्देश पर गृहमंत्री श्री विजय शर्मा ने गत दिवस बलौदाबाजार में न्यायिक जांच कराये जाने की घोषणा की थी l गृह मंत्री की घोषणा पर राज्य शासन ने त्वरित कार्यवाही करते हुए आज उच्च न्यायालय के सेवा निवृत्त न्यायाधीश सी बी बाजपेयी की एकल सदस्यीय टीम घटना की जाँच करेंगे और 3 माह के भीतर अपनी रिपोर्ट राज्य शासन को देंगे l

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