सत्यानंद यादव
कोंडागांव बस्तर के माटी समाचार : विकासखंड कोंडागांव के ग्राम कुसमा में 100 गवा सतनामी समाज की स्थापना एवं धर्मसभा संसद के तत्वावधान में रविवार को एकादशी के अवसर पर राज्याभिषेक राजा मेला का आयोजन किया गया। इस भव्य आयोजन में समाज के विभिन्न वर्गों ने बड़े उत्साह के साथ भाग लिया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कोंडागांव की विधायक और बस्तर विकास प्राधिकरण की अध्यक्ष सुश्री लता उसेंडी थीं, जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता 100 गवा सतनामी समाज के प्रधान संयोजक लखमूराम टंडन ने की। विशिष्ट अतिथियों में सेवानिवृत्त डीएफओ श्री केके खेलवारे (IFS), पद्मश्री पंडवानी गायिका डॉ. उषा बारले और अन्य प्रमुख गणमान्य व्यक्ति शामिल थे।
कार्यक्रम की शुरुआत पूजा-अर्चना से हुई, जिसके बाद एक भव्य रैली निकाली गई। इस रैली में पारंपरिक पंथी नृत्य और उड़ीसा से आए घुमरा पंथी नृत्य ने सभी का ध्यान आकर्षित किया। मेले में बच्चों के लिए झूले, मनोरंजन के साधन, खिलौनों की दुकानें, साग-सब्जी की दुकानें, नारायणपुर से आई सतनाम बुक स्टाल, और ट्रैक्टर प्रदर्शनी जैसे आकर्षणों ने मेले को और भी जीवंत बना दिया। मेले के मंचीय कार्यक्रम में अतिथियों का फूलमालाओं से स्वागत किया गया। विधायक सुश्री लता उसेंडी ने राजा मेला की सराहना करते हुए इसे समाज को संगठित रखने का बेहतरीन प्रयास बताया। उन्होंने कहा कि इस तरह के मेलों से समाज के लोगों में एक-दूसरे के प्रति भाईचारा और मिठास बढ़ती है।
प्रधान संयोजक लखमूराम टंडन ने इस अवसर पर कहा कि समाज को अपने इतिहास और बलिदानियों के योगदान को कभी नहीं भूलना चाहिए। उन्होंने बलिदानी राजा गुरु बालक दास साहेब जी के विचारों और सिद्धांतों को जीवित रखने की आवश्यकता पर जोर दिया। मेले में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया गया। पद्मश्री डॉ. उषा बारले द्वारा प्रस्तुत पंथी नृत्य और पंडवानी गायन ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। सांस्कृतिक कार्यक्रम देर रात तक चलता रहा और पूरे मेले में उमंग और उत्साह का माहौल बना रहा।
समाज के महिला, पुरुष और बच्चे बड़ी संख्या में इस मेले में शामिल हुए। मेले में आने वाले लोगों के लिए भोजन भंडारा का भी आयोजन किया गया, जो दोपहर से लेकर देर रात तक चलता रहा। समारोह के अंत में संभाग अध्यक्ष धंसराज टंडन ने इस भव्य आयोजन को सफल बनाने के लिए सभी का आभार व्यक्त किया। मेले के सफल आयोजन ने समाज के बीच आपसी सहयोग और एकता का संदेश दिया, और भविष्य में ऐसे आयोजनों के लिए प्रेरणा प्रदान की।