राजु तोले
सुकमा बस्तर के माटी समाचार, 17 दिसंबर 2024/ माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में नियद नेल्ला नार योजना के तहत महिलाएं अब आत्मनिर्भरता की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रही हैं। शासन की मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना के तहत य दूरस्थ क्षेत्र के ग्रामीण महिलाओं को कपड़ा सिलाई का प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिससे वे आर्थिक रूप से सशक्त हो सकें। महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में जोर देने के साथ ही उनके बेहतर भविष्य की ओर बढ़ने का अवसर भी प्रदान कर रही हैं। यह प्रशिक्षण न केवल महिलाओं को आत्मनिर्भर की दिशा में जोर देने के साथ उन्हें समाज में एक नई पहचान भी दे रहा है।
ग्रामीण महिलाओं को मिल रहा प्रशिक्षण
संवेदनशील ग्राम एल्मागुण्डा में आस-पास के गांवों की 30 महिलाओं को मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना के तहत कपड़ा सिलाई का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करना और उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना है।
महिलाओं का बदलता नजरिया
प्रशिक्षण में शामिल देवे मंडावी ने बताया कि पहले हमें लगता था कि केवल पुरुष ही कमाई कर सकते हैं, लेकिन अब हमें यह विश्वास हो रहा है कि हम भी अपने पैरों पर खड़े हो सकते हैं। शासन-प्रशासन के प्रयासों की सराहना करते हुए मंडावी ने अपने जीवन में बड़ा बदलाव लाने वाला कदम मान रही हैं। उन्होंने कहा कि इस योजना से उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार के साथ उन्हें आत्मनिर्भरता और अग्रसर हो रही है।
इस प्रशिक्षण का असर महिलाओं के नजरिए और आत्मविश्वास पर साफ दिख रहा है। प्रशिक्षण में भाग ले रही सोढ़ी राजे ने बताया कि कपड़ा सिलाई का प्रशिक्षण पाकर हम न केवल आत्मनिर्भर बनेंगे, बल्कि अपने परिवार का आर्थिक सहयोग भी कर पाएंगे।
आर्थिक स्वावलंबन की ओर बढ़ते कदम
जिला कौशल विकास की नोडल अधिकारी मधु तेता ने बताया, यह प्रयास महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में पहल है। प्रशिक्षण के दौरान महिलाओं को कपड़ा सिलाई के साथ-साथ बाजार में उत्पाद बेचने की रणनीतियों की भी जानकारी दी जा रही है। इससे वे अपने व्यवसाय को आगे बढ़ा सकेंगी। प्रशिक्षण के दौरान महिलाओं को कपड़ा सिलाई का ज्ञान और सिलाई के आधुनिक उपकरणों और डिज़ाइनिंग की तकनीकें भी सिखाई जा रही हैं। इसके साथ ही, प्रशिक्षण के बाद महिलाओं को स्वरोजगार शुरू करने के लिए ऋण सहायता और बाजार में उनके उत्पाद की बिक्री के लिए भी मदद दी जाएगी।