
पुल टूटने से जांगड़ा के ग्रामीणों को नहीं मिला राशन, 12 किलोमीटर दूर जाकर लाना पड़ेगा
विशेष संवाददाता
जांगड़ा पंचायत के ग्रामीणों को इस महीने राशन लेने के लिए 12 किलोमीटर दूर जुगाड़ गांव तक जाना पड़ेगा। इसका कारण है गांव तक पहुंच मार्ग पर बना पुल का टूट जाना, जिसके चलते राशन की आपूर्ति बाधित हो गई है। हैरानी की बात यह है कि बिना किसी पूर्व सूचना और सहमति के सेल्समैन चेतन ने ग्रामीणों के राशन को जुगाड़ गांव में उतार दिया, जिससे ग्रामीणों में नाराजगी है।
बिना सूचना और सहमति के राशन का स्थानांतरण
सरकार के नियम के अनुसार, यदि किसी कारणवश तय जगह से दूसरी जगह पर राशन उतारना पड़े तो इसके लिए पहले एसडीएम को सूचना देना और ग्रामीणों की सहमति लेना आवश्यक होता है। लेकिन जांगड़ा के सेल्समैन चेतन ने इन नियमों का पालन नहीं किया। बताया जा रहा है कि चेतन के परिवार में स्वास्थ्य संबंधी समस्या होने के कारण उन्होंने जल्दबाजी में यह निर्णय लिया।
खाद्य अधिकारी और स्टोर इंचार्ज को भी इस विषय में कोई जानकारी नहीं थी। जब इस मामले पर स्टोर इंचार्ज प्रजापति से बात की गई तो उन्होंने कहा, “मुझे इस घटना की जानकारी नहीं दी गई थी। मैं इस मामले की जांच करूँगा कि बिना सूचना दिए राशन क्यों उतारा गया। राशन की सुरक्षा व्यवस्था पर भी इससे खतरा हो सकता है। एसडीएम को इस संबंध में सूचना दी जानी चाहिए थी।”
गौरतलब है कि बारिश के मौसम में उन राशन दुकानों पर एक साथ 5 महीने का राशन वितरित करने का प्रावधान है, जहां तक पहुंचने का मार्ग पक्का नहीं है। लेकिन जांगड़ा में पुलिया के टूटने के कारण इस व्यवस्था में बाधा आ गई है।
टूटे पुल के कारण बढ़ी समस्या
जांगड़ा गांव को जोड़ने वाला पुल कुछ दिनों पहले टूट गया था, जिससे ट्रांसपोर्टर का वाहन गांव तक नहीं पहुंच सका। होरा ट्रांसपोर्ट के मालिक ने बताया कि पुलिया टूटने के कारण गांव तक राशन पहुंचाना संभव नहीं था, इसलिए राशन को जुगाड़ गांव में उतार दिया गया।
ग्रामीणों ने बताया कि उन्हें अब हर महीने राशन लेने के लिए 12-14 किलोमीटर की दूरी तय करनी होगी, जो बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों के लिए बेहद कठिन होगा। बारिश के मौसम में यह समस्या और गंभीर हो सकती है, क्योंकि सड़कें खराब होने और पानी भरने से रास्ता और भी मुश्किल हो जाएगा।
सरकार से मरम्मत की मांग
ग्रामीणों ने सरकार से पुल की मरम्मत की मांग की है ताकि राशन वितरण में किसी प्रकार की समस्या न हो और एंबुलेंस जैसी आपातकालीन सेवाएं भी गांव तक सुचारु रूप से पहुंच सकें। ग्रामीणों का कहना है कि यदि पुलिया की मरम्मत बारिश से पहले हो जाती है तो न केवल राशन वितरण सुगम होगा, बल्कि अन्य मूलभूत सुविधाओं तक पहुंच भी आसान हो जाएगी।
स्थानीय प्रशासन को इस विषय पर गंभीरता से विचार करना चाहिए ताकि जांगड़ा के ग्रामीणों को राशन प्राप्त करने के लिए लंबी दूरी तय न करनी पड़े और सरकारी योजनाओं का लाभ समय पर मिल सके। ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन यदि इस मामले में शीघ्र कार्रवाई नहीं करता है, तो वे विरोध प्रदर्शन करने पर मजबूर होंगे।