राजु तोले
सुकमा बस्तर के माटी समाचार, 28 मार्च 2025/ कलेक्टर श्री देवेश कुमार ध्रुव निर्देशन में जिले के आदिवासी विकास विभाग द्वारा 23 से 26 मार्च तक छिंदगढ़, सुकमा, दोरनापाल और कोंटा विकासखंडों में सामुदायिक वन अधिकार (सीएफआर) समितियों के सदस्यों के लिए चार दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में 30 समितियों के कुल 140 सदस्यों ने भाग लिया, जिसमें सीएफआर शीर्षकों, टिकाऊ वन प्रबंधन और आजीविका संवर्धन से जुड़े अधिकारों और जिम्मेदारियों पर प्रशिक्षण दिया गया।
जनजातीय विभाग, पीपीआईए फेलो और एफईएस (पारिस्थितिक सुरक्षा फाउंडेशन) संगठन के प्रतिनिधियों से युक्त मास्टर प्रशिक्षकों द्वारा दिए गए इस प्रशिक्षण में सीएफआर समितियों को उनके अधिकारों, कानूनी ढांचे, वन संसाधनों के सतत प्रबंधन और उनके दायित्वों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। वन संरक्षण, नवीकरण और दीर्घकालिक उपयोगिता सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न रणनीतियों पर चर्चा की गई। प्रशिक्षण के दौरान समितियों को आजीविका संवर्धन के लिए देशभर के सफल सामुदायिक संस्थानों की सर्वोत्तम प्रक्रिया से परिचित कराया गया। इसके अलावा, मिट्टी की नमी संरक्षण तकनीकों पर भी विशेष जोर दिया गया।
साथ ही वन, बागवानी, कृषि और मनरेगा विभागों के सहयोग से फलदार वृक्षारोपण और जल संरक्षण जैसी गतिविधियों को बढ़ावा देने की योजना बनाई गई।
प्रशिक्षण के दौरान प्रतिभागियों ने अपने-अपने वन क्षेत्रों की मौजूदा स्थिति का विश्लेषण किया और भविष्य के लिए कार्ययोजनाएँ तैयार कीं। यह प्रारंभिक अभिविन्यास उन्हें अपने गांवों में इस प्रक्रिया को दोहराने और प्रभावी प्रबंधन करने के लिए सक्षम बनाएगा। जिला प्रशासन ने इन योजनाओं के सफल क्रियान्वयन के लिए पूर्ण सहयोग देने का संकल्प लिया है।