बस्तर के माटी न्यूज़(BKM) _अमलीपदर
लगभग 5 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित रीपा सेंटर, जो स्थानीय क्षेत्र में स्वरोजगार और आर्थिक विकास का बड़ा केंद्र बनना था, आज अचार और पापड़ निर्माण तक सिमट कर रह गया है। सेंटर में लगे महंगे मशीन जंग खा रहे हैं और भवन का उद्देश्य पूरी तरह विफल होता नजर आ रहा है। और यह हाल पूरे मैनपुर ब्लॉक का है जहां,रीपा सेंटर खाली शोपीस बन के रह गया है ।

अमलीपदर के रीपा सेंटर के आसपास हालात और भी चिंताजनक हैं। क्षेत्र में असामाजिक तत्वों का अड्डा बनता जा रहा है, जिससे मूल उद्देश्य प्रभावित हो रहा है। वहीं दूसरी ओर, अमलीपदर क्षेत्र के नवीन तहसील कार्यालय एवं एक विस्तृत अस्पताल भवन का निर्माण भी अंतिम चरण में है, तथा भविष्य में कई अन्य सरकारी परियोजनाओं के लिए भी भूमि सुरक्षित की गई है।

इन योजनाओं की सफलता के लिए बीरीघाट और अमलीपदर ग्राम पंचायतों की सीमा से होकर एक मुख्य मार्ग बनाया गया है। पंचायतों ने मिलकर कई बार इस मार्ग पर मिट्टी डालकर उसे स्थायी स्वरूप दिया। लेकिन अब मार्ग के दोनों किनारों पर स्थित भूमि स्वामियों द्वारा अतिक्रमण की घटनाएँ सामने आ रही हैं। किसान अपनी खेती की मिट्टी लाकर सड़क पर डाल रहे हैं और वहीं मेड (मेढ़) बनाकर रास्ते को संकरा कर रहे हैं।
इस अतिक्रमण से आमजन को आवागमन में भारी परेशानी हो रही है। अगर समय रहते इस पर अंकुश नहीं लगाया गया, तो आने वाले समय में सरकारी कार्यालयों और अस्पताल तक पहुंचना बेहद कठिन हो जाएगा। खासकर बारिश में इस रास्ता का उपयोग करने के लिए भी और कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है । खासकर राजस्व विभाग को इस मामले में तत्काल सक्रिय होकर रास्ते से अतिक्रमण हटवाना चाहिए, ताकि भविष्य में कोई बड़ी समस्या न खड़ी हो।

क्षेत्रवासियों ने प्रशासन से शीघ्र कार्रवाई करने की मांग की है ताकि करोड़ों की लागत से बने भवनों और परियोजनाओं का सही लाभ जनता को मिल सकता है ।