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डॉक्टर्स, नर्सेस व स्वास्थ्य संयोजक कर्मचारी अधिकारियो ने बड़ी भीड़ के साथ आक्रोश रैली निकाल कर मुख्य मंत्री के नाम दिया ज्ञापन

सत्यानंद यादव


कोंडागांव बस्तर के माटी-,छ.ग. स्वास्थ्य फेडरेशन का आंदोलन होगा प्रांतस्तरीय कल से प्रदेश भर के हजारों कर्मचारी अधिकारीयों का राजधानी में होगा जमावड़ा प्रेस विज्ञप्ति दिनांक 22.06.23

रैली निकालकर मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन छ.ग. हैल्थ फेडरेशन के द्वारा 6 सूत्रीय मांगो को लेकर 21 अगस्त 2023 से अनिश्चितकालीन जिला स्तरीय हड़ताल किया जा रहा है, दो दिवसीय जिला में धरना प्रदर्शन के बाद हैल्थ फेडरेशन द्वारा चरणबद्ध आंदोलन के तहत प्रांतस्तरीय आंदोलन करने का निर्णय लिया है आज प्रदेश के सभी जिला मुख्यालय में रैली निकालकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया, उसके बाद कल से प्रदेश के हजारों कर्मचारी अधिकारी राजधानी में जुटेंगे ।
ज्ञात हो कि प्रदेश भर के ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक, नर्स, बॉन्डेड डॉक्टर, रेग्यूलर जूनियर डॉक्टर पीजी डॉक्टर सहित समस्त चिकित्सक अपने वेतनविसंगति, भत्ते एवं स्टायपेंड सहित पाच सुत्रीय मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे है जिससे जिले भर के 173 उप स्वास्थ्य केंद्र. 22 प्राथमिक,06 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, जिला . अस्पताल एवं मेडिकल कॉलेज तक के अधिकारी /कर्मचारी सम्मलित होंगे जिससे स्वास्थ्य सेवाए सीधे तौर पर होंगे प्रभावित हो रही है।
इधर तत्कालीन मुख्य मंत्री अपनी कुम्भकरणीय नींद से जागे नहीं है
डॉक्टर्स ,नर्सेस स्वास्थ्य संयोजक अधिकारी /कर्मचारीयों के हड़ताल जाने जनता इलाज के लिए इधर उधर भटकती नजर आ रही है एवं प्राइवेट अस्पताल जाने को है मजबूर जिससे सबसे ज्यादा दिक्कत गरीब तबके के आम जनता को है।

प्रदेश के मुख्य मंत्री भूपेश बघेल की यही रवैया रही तो प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाएं आने वाले दिनों में बत्त से बदतर होंगी ।

प्रदेश की जिला अस्पतालों में इमरजेंसी सेवाएं ऑपरेशन थिएटर व ओपीडी बंद की स्थिति में आई है एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के प्रभारी चिकित्सक के अनिश्चितकालीन हड़ताल चले जाने से सामान्य ओपीडी हो रही है प्रभावित जिससे आमजन है परेशान इधर ग्रामीण अंचलों के उप स्वास्थ्य के ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक अनिश्चितकालीन हड़ताल जाने से मिशन इंद्रधनुष कार्यक्रम शिशु संरक्षण कार्यक्रम, नियमित टीकाकरण एवं सामान्य ओपीडी, मलेरिया जांच ,टीवी सपुटुम कलेक्शन ,हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर्स में NCD जाँच प्रभावित हो रहे है आदि सीधे तौर पर हो रहे है बाधित। आमजन को ध्यान में रखा कर भूपेश सरकार को डॉक्टर्स, नर्सेस, ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजको के लंबित पांच सूत्रीय मांगो पर जल्द से जल्द विचार कर निराकरण करने की पहल की जानी चाहिए ताकि अनिश्चित कालीन हड़ताल की वजह से जो आमजनों को स्वास्थ्य सुविधा मिल सके ।

छ.ग. स्वास्थ्य फेडरेशन के पदाधिकारी द् डॉ नीरज साहनी,डॉ दुर्गेश चंद्रवंशी एवं पूजा कुंवर ने बताया कि ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक नर्सिंग संवर्ग एवं डॉक्टर लंबे समय से वेतनविसंगति ,बांड सम्बधित मांग के लिए संघर्षरत है एवं मांगो के संबंध मे लगातार शासन-प्रशासन से पत्राचार कर रहें है साथ ही पूर्व मे ध्यानाकर्षण के लिए एक दिवसीय आंदोलन भी किया गया है किन्तु मांगे जस कि तस बनी हुई है वर्तमान सरकार द्वारा पूर्व मे चर्चा कर आवश्वासन भी दिया गया था किन्तु मांगे अभी तक जस कि तस बनी हुई है। विभाग द्वारा वेतनविसंगति दूर करने के लिए ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक एवं स्टाफ नर्स के लिए प्रस्ताव वार्षिक बजट के साथ प्रेषित किया गया है किन्तु शासन द्वारा उसे स्वीकृति प्रदान नही की जा रही है। चिकित्सकों के वेतनविसंगति सहित भत्ते एवं स्टायपेंड कि मांगे भी आज तक पूरी नही हो पायी है। अतः सरकार के अंतिम कार्यकाल में स्वास्थ्य कर्मचारीयो को आंदोलन के लिए विवश होकर जाना पड़ा है। जिला संयोजक द्रुपत राज सेठिया ने बताया कि पूरे प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं का बूरा हाल है सरकार अगर चाहें तो विभाग द्वारा वेतनविसंगति दूर करने के लिए जो प्रस्ताव पूर्व में भेजा गया है उसे स्वीकृति प्रदान कर मांगे पूरी कर सकती है, स्वास्थ्य विभाग के ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक, नर्सिंग संवर्ग एवं चिकित्सकों की मांगो को पूरा करने के लिए कोई बड़ी बजट कि आवश्यकता नही है।

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