RNI NO. CHHHIN /2021 /85302
RNI NO. CHHHIN /2021 /85302

डिलीवरी केस में आदिवासी समाज लामबंद, पीड़ित परिवार ने लगाई प्रशासन से गुहार – “हमें और परेशान न किया जाए”

मैनपुर ब्लॉक के डूमा घाट गांव में डिलीवरी के दौरान हुई दुखद घटना के बाद पूरे क्षेत्र में आदिवासी समाज आक्रोशित है। पीड़ित परिवार की शिकायत और समाज के आग्रह पर कलेक्टर एवं सीएमओ के निर्देश पर गठित जांच टीम गुरुवार को गांव पहुंची। टीम ने पीड़ित परिवार से मुलाकात कर पूरी घटना की जानकारी ली और डिलीवरी के समय से लेकर आखिरी क्षण तक की स्थिति का ब्यौरा जुटाया।

परिवार ने हाथ जोड़कर प्रशासन से निवेदन किया कि वे अब किसी के विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं चाहते। उनका कहना है कि उन्होंने अपने घर के दो सदस्य खो दिए हैं और अब वे बार-बार पूछताछ व जांच से मानसिक रूप से टूट रहे हैं। परिवार ने साफ कहा कि वे आगे किसी प्रकार की जांच या कार्यवाही नहीं चाहते।

वहीं जांच टीम ने मौके पर पंचनामा तैयार किया और उस डॉक्टर के क्लीनिक का भी निरीक्षण किया, जिस पर मीडिया रिपोर्ट्स में चार घंटे तक पीड़िता को रोककर रखने का आरोप लगा था। जांच के दौरान आसपास के ग्रामीणों के बयान भी दर्ज किए गए, जिसमें लोगों ने बताया कि उस क्लीनिक में कभी भी डिलीवरी का कार्य नहीं किया जाता है।

6 सदस्य वाली जांच टीम ने डूमाघट के बाकी लोगों से भी क्षेत्र के स्वास्थ्य सुविधा के बारे में जानकारी ली । मितानिन से लेकर डिलीवरी करने तक की प्रक्रिया को समझा और जो भी खामियां है , उसको आने वाले दिनों में दूर करने का आश्वासन ग्राम वासियों को दिया। समय-समय पर गर्भवती महिलाओं को मितानिन के द्वारा सरकारी अस्पताल में जाकर स्वास्थ्य परीक्षा करने की बात कहीं और डिलीवरी के समय सरकारी अस्पताल अमलीपदर ,उरमाल या देवभोग को ही पहली प्राथमिकता दने की समझाइस दी ।

हालांकि, घटना के कई पहलुओं पर अब भी सस्पेंस बना हुआ है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि डिलीवरी पीड़िता रात 8:00 बजे से रात 2:00 बजे तक कहाँ थी और उसकी स्थिति इतनी गंभीर कैसे हुई ? स्वास्थ्य विभाग की जांच इस दिशा में जारी है।

इस घटना के बाद आदिवासी समाज लगातार लामबंद है और पीड़िता के परिजनों को न्याय दिलाने के लिए आंदोलनरत है। समाज की मांग है कि पीड़ित परिवार को 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाए। साथ ही यह सुनिश्चित किया जाए कि भविष्य में किसी भी गरीब और आदिवासी परिवार को इस तरह की लापरवाही का शिकार न होना पड़े।

फिलहाल, परिवार की ओर से प्रशासन से यह अनुरोध किया गया है कि उन्हें बार-बार जांच के नाम पर परेशान न किया जाए, क्योंकि वे पहले ही अपने दो सदस्यों को खोकर गहरे सदमे में है ।

Facebook
Twitter
WhatsApp
Reddit
Telegram

Leave a Comment

Weather Forecast

DELHI WEATHER

पंचांग

error: Content is protected !!