घनश्याम यादव
बीजापुर बस्तर के माटी समाचार बीजापुर के वन विभाग सामान्य के डिप्टी रेंजर ने बफर जोन के जंगलों से भारी संख्या मे बांस की अवैध कटाई कर तस्करी करने का मामला प्रकाश में आया ।स्थानीय मीडिया द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार जब वस्तु स्थिति का पता लगाने भोपालपटनम वन परिक्षेत्र के बफर जोन रुद्रारम कोनागुड़ा पहुंच कर जब ग्रामीणों से रूबरू हुए तो चौंकाने वाले तथ्य उजागर हुए हैं।
भोपालपट्टनम रेंज में पदस्थ डिप्टी रेंजर अजय कोरम पर भारी संख्या में बांस की अवैध कटाई कर तस्करी करने के गंभीर आरोप लगे हैं। मौके पर ग्रामीणों ने पत्रकारों के एक दल को बताया कि कोरम ने जगदलपुर से कुशल मजदूर बुलाकर बफर जोन के बहुमूल्य बांस को अवैध रूप से कटवाया और प्राइवेट बांस डिपो बनाया।स्थानीय ग्रामीणों ने दावा किया कि यह अवैध कार्य कोरम के सीधे आदेश पर किया गया और वह इन कीमती बांसों को अवैध तरीके से बेचकर मोटा मुनाफा कमाने की योजना बना रहे थे।
इस शर्मनाक घटना ने छत्तीसगढ़ सरकार की “एक पेड़ माँ के नाम” जैसे पर्यावरण संरक्षण की महत्वपूर्ण योजना को मिट्टी पलीत करने का काम किया है ।वन विभाग द्वारा जानकारी मिली थी कि कोनागुड़ा के ग्रामीणों द्वारा बांस कटाई कर थप्पी किया गया है इसकी जमीनी हकीकत जानने जब पत्रकार कोनागुड़ा पहुंचे तो ग्रामीणों ने वन विभाग द्वारा लगाए गए आरोप का खंडन कर सिरे से खारिज कर दिया जब वन रक्षक ही वनों की कटाई धड़ल्ले से बेखौफ होकर करें और तस्करी के उद्देश्य से कोना गुड़ा के जंगल में प्राइवेट बांस डिपो बनाकर 7 पेड़ों के किनारे हजारों बांस की थप्पी करने से एक पेड़ मां के नाम अभियानों का वास्तविक महत्व क्या रह जाता है?
जब इस गंभीर मामले में ITR के DFO संदीप बलगा से मोबाइल फोन पर संपर्क किया गया, तो उन्होंने चतुराई से इसे मात्र “जांच का विषय” बताकर अपनी नैतिक जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया। ऐसा प्रतीत होता है कि विभाग के उच्च अधिकारी भी इस संवेदनशील मामले को अपेक्षित गंभीरता नहीं दिखा रहे हैं।
अब बड़ा सवाल यह उठता है कि क्या इस प्रकार प्राइवेट बांस डिपो बनाने वाले जिम्मेदार भ्रष्ट अधिकारियों पर कोई ठोस कार्रवाई होगी? क्या वन विभाग अपने ही बेईमान कर्मचारियों द्वारा किए जा रहे इस प्रकार के अपराधों पर अंकुश लगाने में कामयाब होगा?
प्राइवेट बांस डिपो बनाकर तस्करी करने वाले डिप्टी रेंजर अजय कोरम न केवल पर्यावरण संरक्षण के ईमानदार प्रयासों पर एक बड़ा प्रश्नचिह्न लगा रहे है, ऐसे में सरकारी विभागों में पदस्थ डिप्टी रेंजर अजय कोरम द्वारा किए गए प्राइवेट बांस डिपो के माध्यम से तस्करी कर भ्रष्टाचार करने वाले अधिकारी पर वन विभाग क्या कार्यवाही करती है लेकिन वन विभाग द्वारा अवैध बांस कटाई का आरोप ग्रामीणों पर लगाए जाने वाला षडयंत्र का पर्दाफाश ग्रामीणों ने मीडिया के सामने ही कर दिया ऐसे में शासकीय कर्मचारी द्वारा बांस डिपो बनाकर अवैध कारोबार करने वाले पर क्या कार्रवाई करती है आने वाला समय ही बताएगा।