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जिले में जन्म-मृत्यु पंजीयन के शत-प्रतिशत लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कलेक्टर ने दिए निर्देश

राजू तोले

सुकमा बस्तर के माटी समाचार 14 नवंबर 2024/ कलेक्टर देवेश कुमार ध्रुव ने जिले में चल रहे जन्म-मृत्यु कार्य की समीक्षा करते हुए नवीन सॉफ्टवेयर के माध्यम से समय-सीमा के भीतर शत प्रतिशत पंजीयन एवं शासन से प्राप्त निर्धारित लक्ष्य को पूरा कराने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए। जिला योजना एवं सांख्यिकी अधिकारी श्री नरेन्द्र कुमार नेताम ने बताया कि वर्तमान में नवीन पोर्टल अनुसार जिले के समस्त 270 पंजीयन इकाईयों ग्राम पंचायत, नगर पंचायत, नगर पालिका एवं समस्त शासकीय अस्पताल में जन्म-मृत्यु पंजीयन किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि जिले में जन्म-मृत्यु पंजीयन का कार्य जन्म एवं मृत्यु रजिस्ट्रीकरण अधिनियम 1969 संशोधित अधिनियम 2023 एवं छत्तीसगढ़ जन्म-मृत्यु रजिस्ट्रीकरण नियम 2001 के तहत् किया जा रहा है। जिसके अंतर्गत प्रत्येक जन्म-मृत्यु की घटना का पंजीयन 21 दिवस के भीतर निशुक्ल कराया जा सकता है। उन्होंने आगे विलम्ब पंजीयन प्रकिया से अवगत कराया कि 22वें दिन से 30 दिन के भीतर मात्र 2 रूपये शुल्क देकर पंजीयन कराया जा सकता है। इसी तरह 31वें दिन से 365 दिन अर्थात 1 वर्ष के अंदर पंजीयन कराये जाने पर घर में जन्म या मृत्यु होने पर ग्राम पंचायत के सचिव, अस्पताल में जन्म या मृत्यु होने पर अस्पताल के डॉक्टर, नगर क्षेत्र सीमा में जन्म या मृत्यु होने पर नगर पालिका अधिकारी को सूचना देकर अनुपलब्धता प्रमाण पत्र प्राप्त कर साथ में लाभार्थी द्वारा एएनएम, एमपीडब्ल्यू, हेडमस्टर, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के द्वारा प्रमाणित शपथ पत्र देकर मात्र 5 रूपयें जमा कर पंजीयन करा कर प्रमाण पत्र प्राप्त कर सकते है।


इसी क्रम में उन्होने आगे बताया कि 365 दिन अर्थात 1 वर्ष के बाद पंजीयन कराने पर घर में जन्म या मृत्यु होने पर ग्राम पंचायत के सचिव, अस्पताल में जन्म या मृत्यु होने पर अस्पताल के डॉक्टर, नगर क्षेत्र सीमा में जन्म या मृत्यु होने पर नगर पालिका अधिकारी को सूचना देकर अनुपलब्धता प्रमाण पत्र प्राप्त कर साथ में लाभार्थी द्वारा एएनएम, एमपीडब्ल्यू/हेडमस्टर, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के द्वारा प्रमाणित शपथ पत्र देकर तहसील कार्यालय में जमा किया जायेगा और तहसीलदार से आदेश मिलने पर मात्र 10 रूपये शुल्क जमा कर पंजीयन करा कर प्रमाण पत्र प्राप्त कर सकते है। ज्ञात हो कि जन्म के समय शिशु के नाम के बिना भी पंजीयन कराया जा सकता है तथा एक वर्ष के भीतर बच्चे का नाम निःशुल्क दर्ज कराया जा सकता है।
जन्म-मृत्यु पंजीयन संशोधन अधिनियम 2023 के अधिसूचना 01 अक्टूबर 2023 के पश्चत् जन्म प्रमाण-पत्र जन्म तिथि को प्रमाणित करने का एक मात्र दस्तावेज के रूप में मान्य है। जिला योजना एवं सांख्यिकी अधिकारी द्वारा जन्म एवं मृत्यु प्रमाण पत्र के फायदे बताते हुए जानकारी दी गई कि जन्म प्रमाण पत्र स्कूल में दाखिला कराने, राशन कार्ड में नाम जोड़वाने, पासपोर्ट, मतदाता परिचय पत्र, आधार कार्ड आदि बनावने में सहायक है, उसी तरह मृत्यु प्रमाण पत्र पैतृक सम्पत्ति, फौती नामांतरण, बीमा, मुआवजा दावा करने एवं कोर्ट कचहरी के मामले में मृत्यु के साक्ष्य के रूप में काम आता है। संबंधित अधिकारी अधिकारियों से इस प्रक्रिया का प्रचार-प्रसर करने का अनुरोध करते हुए आम जनों से भी प्रत्येक जन्म एवं मृत्यु का पंजीयन अवश्य कराने की अपील की गई।

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