राजू तोले
सुकमा बस्तर के माटी समाचार, 13 जनवरी 2025/ नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शांति और पुनर्वास की नीति से राज्य सरकार की योजनाएं सकारात्मक परिणाम दिखा रही हैं। सुकमा मुख्यालय में आयोजित मुख्यमंत्री प्रवास कार्यक्रम में स्टालों के अवलोकन के दौरान मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की उपस्थिति में मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना और नक्सल पुनर्वास योजना के तहत आत्मसमर्पित दो पूर्व माओवादी जोड़ों ने अपने जीवन की नई शुरुआत की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री साय ने इन जोड़ों को आशीर्वाद दिया और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
नव विवाहिता जोड़े में गगनपल्ली निवासी मौसम महेश और डुब्बामरका निवासी हेमला मुन्नी ने एक-दूसरे का हाथ थामा। वहीं दूसरे जोड़े के रूप में कन्हाईपाड़ निवासी मड़कम पाण्डू और निवासी सल्लातोंग रव्वा भीमे ने भी विवाह के बंधन में बंधकर अपने जीवन का नया अध्याय शुरू किया। महिला एव बाल विकास विभाग के द्वारा मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत प्रति जोड़ा 50 हजार की राशि दी जाती है, जिसमें 07 हजार की सिंगार सामग्री, 08 हजार विवाह की व्यवस्था एवं आयोजन के लिए और 35 हजार की राशि डीबीटी के माध्यम से खाते में दी जाएगी।
राज्य सरकार की नक्सल पुनर्वास नीति से मिली प्रेरणा
लगभग बारह साल से नक्सल संगठन से जुड़े रहने के बाद मौसम महेश, मड़कम पाण्डू ने और हेमला मुन्नी ने नौ साल तक, रव्वा भीमे ने छ: साल संगठन में रही है। उन्होंने बताया कि सरकार की नक्सल पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर और नियद नेल्लानार योजना ने आत्मसमर्पित माओवादियों को मुख्यधारा में लौटने और समाज में सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर दिया है। इन योजनाओं के तहत आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को न केवल रोजगार और शिक्षा के अवसर दिए जा रहे हैं, बल्कि उनके पुनर्वास के लिए वित्तीय सहायता भी प्रदान की जा रही है।