ATM में कैश नहीं, लिंक फेल, पासबुक प्रिंटिंग मशीन भी खराब—लोगों की बढ़ी मुश्किलें
अमली पदर। छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक की अव्यवस्थित सेवाओं से क्षेत्र की जनता भारी परेशानियों का सामना कर रही है। बैंक की शाखा में आए दिन नकदी की कमी, एटीएम में कैश न होना, लिंक फेल होने की समस्या और पासबुक प्रिंटिंग मशीन के लंबे समय से खराब पड़े रहने से ग्राहकों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

ATM सेवा ठप, ग्राहकों को भारी परेशानी
अमली पदर क्षेत्र में स्थित बैंक का एकमात्र एटीएम शाम 6 बजे के बाद बंद कर दिया जाता है, जिससे स्थानीय नागरिकों को रात में नकदी निकालने में परेशानी होती है। ग्राहकों का कहना है कि कई बार बैंक के कार्य समय के दौरान भी एटीएम में पैसा नहीं रहता या फिर मशीन खराब पड़ी रहती है। इस कारण लोगों को 20-25 किलोमीटर दूर जाकर अन्य बैंकों के एटीएम से नकदी निकालनी पड़ती है।
पासबुक प्रिंटिंग मशीन सालों से खराब
बैंक में पासबुक प्रिंटिंग मशीन पिछले छह महीनों से खराब पड़ी है, लेकिन स्थानीय लोगों का दावा है कि यह कई वर्षों से सही ढंग से काम नहीं कर रही है। मशीन खराब होने के कारण ग्राहकों को बार-बार बैंक आकर लंबी कतारों में लगकर एंट्री करवानी पड़ती है।

बैंक कर्मचारियों पर मनमानी के आरोप
स्थानीय नागरिकों का आरोप है कि बैंक में कुछ चुनिंदा लोगों को विशेष प्राथमिकता दी जाती है, जबकि आम ग्राहकों को छोटे-मोटे लेनदेन के लिए भी बार-बार बैंक के चक्कर लगाने पड़ते हैं। बैंक के बाहर अक्सर वाहनों की लंबी कतारें देखने को मिलती हैं, जिससे लोगों को और भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। अंदर सेेे ग्रिल गेट को बंद कर बाहर ग्राहकोंं को कई घंटे तक इंतजार करवाने का सिलसिला कई दिनों से चले आ रहा है । जिसस लोग ग्राहक सेवा केंद्र की रुख करनेेे मजबूर हो जाते हैं ।
राष्ट्रीयकृत बैंक और सहकारी बैंक खोलने की मांग
क्षेत्र के लोगों का कहना है कि अमली पदर एक महत्वपूर्ण वाणिज्यिक केंद्र है, जहां बड़े-बड़े व्यापारियों का करोड़ों का लेनदेन होता है। बावजूद इसके, यहां कोई राष्ट्रीयकृत या प्राइवेट बैंक उपलब्ध नहीं है। व्यापारियों को अपना पैसा जमा करने के लिए दूर स्थित अन्य बैंकों तक जाना पड़ता है, जिससे सुरक्षा का भी खतरा बना रहता है।
स्थानीय नागरिकों ने सरकार से जल्द से जल्द एक राष्ट्रीयकृत बैंक और सहकारी बैंक खोलने की मांग की है, ताकि बैंकिंग सेवाओं की स्थिति में सुधार हो सके और क्षेत्र के लोगों को राहत मिल सके।
बैंक मैनेजर ने किया दावों को खारिज
इस पूरे मामले पर जब बैंक मैनेजर कृष्ण कुमार से बातचीत की गई, तो उन्होंने कहा कि बैंक में ऐसी कोई बड़ी समस्या नहीं है और पासबुक प्रिंटिंग मशीन केवल छह महीनों से खराब है। टी आर कश्यप और श्रवण सतपथी ने जब आरोप लगाया तो , बैंक मैनेजर ने इस मामले को तूल देने और बदहाल व्यवस्था कहने वालों से मिलाने की बात तक कह डाला ।

जनता को कब मिलेगी राहत?
बैंकिंग सेवाओं की इस बदहाल स्थिति को लेकर स्थानीय लोग अब आंदोलन करने की तैयारी में हैं। यदि जल्द ही कोई समाधान नहीं निकला, तो क्षेत्र के लोग बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन कर सकते हैं। अब देखना होगा कि प्रशासन कब इस समस्या पर ध्यान देता है और क्षेत्रवासियों को बैंकिंग से जुड़ी इन दिक्कतों से कब राहत मिलती है।